सपनों की उड़ान- एक ट्रक ड्राइवर की सच्ची कहानी
आज मैं आपको एक ऐसे शख्स की कहानी सुनाने जा रहा हूं जिसमें अमीर बनने की चाहत है… महात्वाकांक्षा की उड़ान है… रईसी का सपना है… और सपने में हकीकत के रंग भरने की चाहत भी बुलंद है… लेकिन कहते हैं ना जल्दीबाजी का काम शैतान का होता है… या यूं कह लीजिए शॉर्टकट, इंसान को हमेशा गलत मोड़ पर लाकर खड़ा कर देती है… इस कहानी में भी कुछ यूं ही हुआ… एक आम इंसान जो कभी मेहनतकश था… उसके शौक ऐसे चरमराए कि उसने जुर्म की राह पकड़ ली जिसका रास्ता केवल काल कोठरी तक जाता है। आप जरूर सोच रहे होंगे हम किसकी कहानी सुनाने जा रहे हैं… तो हम आपको लिए चलते हैं दशकों पहले जुर्म की एक ऐसी दुनिया में जहां एक मामूली सा ट्रक ड्राइवर आज मर्सिडिज जैसे कारों से नीचे भी नहीं चलता..
दोस्तों
ये कहानी है बदन सिंह बद्दो की… पूछिए कौन बद्दो.. वही… यूपी का भगोड़ा डॉन जो बीएमडब्ल्यू, लुइस विटन और कविताओं का शौकीन है… बद्दो के पिता चरण सिंह 1970 के दशक में जालंधर छोड़कर यूपी के मेरठ में आ बसे थे… बद्दो के पिता ने परिवार के जीवनयापन के लिए ट्रक ड्राइवर का काम शुरू किया था.. फिर धीरे-धीरे वह खुद एक ट्रांसपोर्टर बन गए… वहीं सात भाइयों में सबसे छोटे बदन सिंह बद्दो ने भी ट्रांसपोर्ट के कारोबार में कदम रखा… बद्दो 1980 के आस-पास तक मेरठ में ट्रक ड्राइवर हुआ करता था.. अक्खड़ मिजाज का था तो थोड़ी-बहुत दबंगई भी कर लिया करता था.. उसकी दबंगई वक्त के साथ बढ़ते गई तो उसका नाम मेरठ के छोटे-मोटे बदमाशों में लिया जाने लगा… इसी दौरान उसके संबंध इलाके के बदमाशों से हो गए.. धीरे-धीरे उसने यूपी के बॉर्डर इलाके में शराब की तस्करी भी शुरू कर दी और यहां से बद्दो का नेटवर्क धीरे-धीरे बड़ा होते गया… बताया जाता है कि बद्दो ने 1988 में अपराध की दुनिया में कदम रखा..
बदन सिंह बद्दो के काले हौसले दिन-ब-दिन बुलंद होते जा रहे थे लिहाजा उसने प्रॉपर्टी खरीद-फरोख्त में भी हाथ डाला और वहां भी अपनी काली करतूत से अपना परचम लहराया… वो दूसरे राज्यों तक में सस्ते दाम पर विवादित बंगले, जमीन, घर खरीदता और फिर विरोधी गुट को अपने परिचित पुलिस वालों और लोकल अधिकारियों के जरिए फर्जी मुकदमों में फंसाने की धमकी देकर मामला अपने पक्ष में कर लेता था… ऐसे करते-करते बद्दो की कई राज्यों में करोड़ों की संपत्ति खड़ी हो गई…
बद्दो ने सोचा नहीं था कि वो अपनी करतूत से इतनी जल्दी इतना बड़ा साम्राज्य खड़ा कर लेगा… मन ही मन वो अपने पर इठलाता और मुग्ध होता… ऊपरवाले ने बद्दो को शक्लो-सूरत देने में कोई कमी नहीं की थी एकबारगी उसे देखने के बाद कोई सोच भी नहीं सकता था कि बद्दो के खूबसूरत चेहरे के पीछे कितना खुराफाती दिमाग है.. और वो इतना बड़ा अपराधी है… दौलत के साथ बद्दो ने अपने मन में दबे स्टाइल को भी उभारा और अपने बदन पर दुनिया के तमाम मंगही चीजों और ब्रांड को सजाया… महंगी विदेशी बंदूकें, विदेशी नस्ल के कुत्ते, बुलेटप्रूफ कारों का जत्था, सीसीटीवी समेत आधुनिक सुरक्षा तंत्र, किसी महल जैसा आलीशान घर, लुई विटॉन जैसे महंगे ब्रांड के जूते और कपड़े पहनना बदन सिंह बद्दो को अन्य अपराधियों से अलग बनाता है… उसका लाइफ स्टाइल देखकर आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते कि वो एक शातिर अपराधी है… अमीरी का सुरूर बद्दो पर इस तरह चढ़ा कि उसकी शाम पेज थ्री की पार्टियों में गुजरने लगी.. महंगे पब्स और होटल में उसकी हर शाम और रात रंगीन होने लगी…
खैर…
बात 1988 की है जब उस पर पहली बार हत्या का केस दर्ज हुआ जब उसने दिनदहाड़े मेरठ के गुदरी बाजार कोतवाली में राजकुमार नाम के एक व्यक्ति की हत्या कर दी… पश्चिमी उत्तर प्रदेश के क्राइम नेटवर्क में बद्दो का नाम तेजी से फैलने लगा था… उसने ट्रक के कारोबार को छोड़ अब अपने जीवन के ट्रक को जुर्म के रास्ते पर तेजी से दौड़ाए जा रहा था… इसी बीच 1996 में बद्दो ने मेरठ के वकील रवींद्र गुर्जर की हत्या कर दी.. वकील की हत्या के बाद बद्दो बड़ी सुर्खियों में आया..
इसके बाद साल 2011 में उसने मेरठ जिला पंचायत के सदस्य संजय गुर्जर का कत्ल कर दिया… वहीं साल 2012 में उसने एक केबल नेटवर्क के संचालक पवित्र मैत्रे को भी मौत के घाट उतार दिया.. कुख्यात बद्दो के खिलाफ यूपी समेत कई राज्यों में लूट, डकैती और हत्या के मामले दर्ज हैं…यूपी पुलिस ने उस पर एक लाख का इनाम घोषित किया तो दिल्ली पुलिस ने भी 50 हजार का इनाम रख दिया.. बदन बद्दो के खिलाफ अब ढाई लाख का इनाम घोषित है और पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई है।
बहरहाल…
1996 के वकील मर्डर केस में बद्दो को 2017 में गाजियाबाद कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई.. बद्दो ने फतेहगढ़ की जेल में दो साल की सजा काटी… मार्च 2019 में उसे एक मामले में फिर गाजियाबाद कोर्ट पेश किया गया.. पेशी के बाद पुलिस उसे फिर फतेहगढ़ जेल लेकर जा रही थी..
वो 28 मार्च 2019 का दिन था. बद्दो का दिमाग आदतन बड़ी तेजी से चल रहा था… शातिर और बातूनी बद्दो ने पेशी के बाद पुलिस को मेरठ के रास्ते होकर चलने के लिए राजी कर लिया.. इस बीच उसने पुलिस वालों को मस्त पार्टी देने का वादा भी किया… बातूनी बद्दो की बातों में ऐसा भ्रमजाल था कि पुलिसवाले उसके कहे में आ गए और मन ही मन अपना मिजाज तर कर लेने को उतावले भी दिखे.. पुलिस की टीम उसे लेकर मेरठ के मुकुट महल होटल पहुंची.. यह होटल बदन सिंह बद्दो का ही था.. सूचना पहले ही पहुंच गई थी लिहाजा होटल में पुलिस की जमकर खातिरदारी की गई.. नाच-गाना और मनलुभावन खाने के साथ शराब के भी जाम छलके… सबने खूब छककर पिया…पुलिस टीम में शामिल आधा दर्जन पुलिसवाले जब नशे में धुत्त हो गए तो बद्दो ने मौके के फायदा उठाया और फरार हो गया.. बद्दो तब से लेकर अब तक यूपी पुलिस की डायरी में बस एक भगोड़ा डॉन है… पुलिस को तब से अब तक कोई ठोस सुराग नहीं मिला है… ऐसी जानकारी है कि बद्दो अपने बेटे टोनी के साथ नेपाल के रास्ते फर्जी पासपोर्ट के जरिए मलेशिया पहुंच गया है… लेकिन ये भी कहा जाता है कि बद्दो भले भी कहीं भी हो लेकिन उसका मन-मिजाज मेरठ से दूर नहीं रह पाता.. कहते हैं कि अमूमन हर महीने मेरठ, दिल्ली और एनसीआर में फैले अपने गुर्गों से बात करता है। कहा ये भी जाता है कि अपनी अकूत चल-अचल संपत्ति की देख-रेख भी अपने गुर्गों से फोन पर बात कर किया करता है। बाप-बेटे की तलाश में पुलिस की कई टीमें लगी हैं।
बदन सिंह बद्दो के बारे में एक किस्सा चर्चित है… अखबार ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ के एक रिपोर्टर बहुत पहले बद्दो से मिले.. पूछा कि अपराध की दुनिया में क्यों आ गए..कैसे आ गए… बद्दो ने विलियम शेक्सपियर को कोट करते हुआ कहा–
”ये दुनिया एक रंगमंच है और हम सब इस मंच के कलाकार’
फिलहाल बद्दो को पकड़ने के लिए पुलिस लगातार उसके सहयोगियों की हरकतों पर नजर रख रही है.. उसके विदेश जाने की बात पर मेरठ पुलिस का मानना है कि ये पुलिस को गुमराह करने की चाल भी हो सकती है…संभव है बद्दो ये बताने की कोशिश कर रहा है कि वह विदेश में है लेकिन असल में वो देश में ही छिपा हो…अलबत्ता इस दौरान उसने कई इंटरनेशनल नंबरों से अपने सहयोगियों को कॉल किए लेकिन सभी कॉल इंटरनेट से किए गए थे…
बद्दो के शातिरपने को देखते हुए पुलिस हर पहलू से जांच कर रही है… बद्दो की तलाश जारी है
अब मोस्ट वांटेड बदन सिंह बद्दो के करीबियों की बेनामी संपत्तियों पर बुलडोजर चलाने की तैयारी है.. पुलिस ने ऐसे करीबियों की 12 दुकानों की पहचान की है और कार्रवाई के लिए दस्तावेजों की जांच चल रही है…
सवा साल बाद भी बद्दो का कोई सुराग नहीं लगा है.. हालांकि पुलिस मान रही है कि बद्दो ने इस बीच अपने करीबियों से जरूर संपर्क किया होगा… बद्दो ने अवैध तरीके से कमाई की गई संपत्ति कई करीबियों को दी हुई है… बद्दो की फरारी में भी उन लोगों के नाम सामने आए थे…
बताया जा रहा है कि बद्दो के करीबी तीन लोगों की 12 दुकानें अवैध तरीके से बनी हैं, जिनकी जांच की गई है.. पुलिस ने इन दुकानों के दस्तावेज जुटाए हैं… और उन पर बुलडोजर चलाने की तैयारी है.. हालांकि बद्दो की फरारी के बाद उसके एक करीबी की पांच दुकानों पर पुलिस ने पहले भी बुलडोजर चलाया था… लेकिन बताया जा रहा है कि वो दुकानें दोबारा बना ली गई हैं.. बद्दो के करीबी दो लोगों की जानकारी भी जुटाई गई है जिन पर कार्रवाई हो सकती है…
दूसरी ओर बद्दो की फरारी के बाद 15 करीबी लोगों के शस्त्र लाइसेंस थाने में जमा किए गए थे उन सभी के लाइसेंस रद्द करने की रिपोर्ट जल्दी ही जारी होगी….
तो दोस्तों
सच्चे दिल से और मन से की गई मेहनत से ही इंसान समाज में पूजने लायक बनता है और उसकी मिसाल अच्छे अर्थों में दी जाती है… सफलता के लिए लोग उसकी राह पर चलने की कसमें खाते हैं… कड़ी मेहनत ही मनुष्य का असली धन होता.. बिना कठोर परिश्रम के सफलता पाना असंभव है… जो कठिन श्रम करता है सफलता उसी का कदम चूमती है… कड़ी मेहनत करने वाले लोग मिट्टी को सोना बना देते हैं… सफलता और धन के लिए जीवन में जुर्म का रास्ता ना पकड़ें…शॉर्टकट ना अपनाएं….