आवारा कालू बादल
बहुत दिनों के बाद आसमान में यू बादलों को घूमने का मौका मिला था। सभी बादल बहुत खुश थे इन्हीं में से एक सफेद चंचल नन्हा सा बादल भी था जो इधर-उधर घूम रहा था और बहुत खुश था।
उसे घूमना बहुत अच्छा लग रहा था वह अभी अपना फेवरेट राइम गुनगुना चाह ही रहा था कि अपने सामने एक मोटे काले और भद्दे से बादल को खड़ा देखकर सहम गया। काला बादल, नन्हा सफेद बादल को देखकर गर्र-गर्र कर हंसने लगा। नन्हा बादल डर गया और डर से कांपने लगा। वह मुड़ा और पीछे भागने लगा।
भागते हुए उसे सतरंगी इंद्रधनुष मिला। वह सम्मोहित होकर उसे देखने लगा पर फिर से उसे गर्र-गर्र की आवाज सुनाई पड़ी। नन्हा बादल फिर भागने लगा वह भाग रहा था भागता जा रहा था पर उसके नन्हे पैर अब थक चुके थे और उसके पीछे अब भी विशालकाय कालू बादल आराम से झूलता हुआ अपने विशाल कदम से उसकी पीछे चल रहा था।
अभी वह हाथ बढ़ाकर उसे पकड़ने ही वाला था की तभी नन्हा बादल गिर गया। परंतु उसकी मां की बाहों ने उसे थाम लिया और अपने पीछे छिपा लिया अब मां की हाथों में तलवार था और कालू बादल ने भी अपनी तलवार निकाल लिया। युद्ध शुरू हो गया जब दोनों तलवारें टकराई तो बिजली सी कौंध गई सबकी आंखें चौंधियां गई और कालू की तलवार नीचे गिर गई।
तलवार के गिरते हैं काला बादल भागने लगा। धरती पर जहां कालू की तलवार गिरी थी वहां आग लग गई। अब मां ने अपने विशाल शरीर को और भी विशालकाय कर लिया और कालू से टकरा गई। कालू का विशालकाय शरीर छोटे-छोटे टुकड़े में परिवर्तित होकर जमीन पर पानी की बूंद बनकर बरसने लगा।
काले बादल को पानी बनने के बाद यह एहसास हो चुका था कि गुस्सा करना गलत बात है और किसी को बेवजह परेशान नहीं करना चाहिए और ना ही डराना चाहिए। पानी की बूंद में परिवर्तित होकर काला बादल इंसान की खुशी का कारण बन चुका था। पेड़ पौधे चिड़िया सब काले बादल के इस परिवर्तित रूप को पसंद करके खुश हो रहे थे।