घर एक मंदिर
मंदिर जाना क्यों चाहिए और आपका घर मंदिर कैसे बन सकता है? मंदिर वह जगह है जहां रोज कम से कम सैकड़ों लोग तो आते ही हैं और आने वाला हर इंसान अपना द्वेष, गुस्सा अपनी बुराई या यूं कहें कि निगेटिव वाइब्स को छोड़कर पूरी आस्था शुद्ध हृदय या सिर्फ पॉजिटिव Vibes के साथ आता है और यही Vibes वहां हर जगह फैलती है जिससे वहां का वातावरण और भी पवित्र हो जाता है।
यह तो हम सब जानते हैं कि इंसान के अंदर ही सब कुछ है। शैतान भी और भगवान भी… आपके शुद्ध और पवित्र आत्मा से निकलने वाली तरंग ही है जो आपको एनर्जेटिक और आपके दुख-दर्द को कम करती है।
आपके अंदर का बैठा भगवान आपको शांति और सुकून देता है। अगर आपके घर में कोई आता है तो सबसे पहले वह क्या महसूस करता है? क्या घर आनेवाला खुश हो जाता है? या मन ही मन सोचता है कितना सुंदर और साफ घर है.. या फिर सोचता है कितना गंदा है… बदबूदार घर है…
आपके घर में आने वाला इंसान जो Vibes छोड़कर जाता है उसका इंपैक्ट आपके घर पर अलग-अलग तरीके से पड़ता है इसलिए अपने घर को साफ-सुथरा, स्वच्छ रखें और घर के वास्तु का भी ध्यान रखें।
घर की पवित्रता और स्वच्छता आपके लाइफ को आगे ले जाएगी, आपको तरक्की दिलाएगी, यह बातें सिर्फ धार्मिक ही नहीं है साइकोलॉजिस्ट के हिसाब से भी आपका घर आपको रिप्रेजेंट करता है आपकी पर्सनैलिटी बताता है और आपको पॉजिटिव और प्रसन्न करता है।
प्रसन्न मन से किया हुआ हर कार्य सफल होता है, आप स्वस्थ रहते हैं। थकाऊ और बोरिंग घर आपके मन-मस्तिष्क में विकृति भरता है। आपके प्रसन्नचित मन को भी बेवजह दुख से भरता है जो आपके हेल्थ-वेल्थ सबके लिए नुकसानदायक है।
अपने घर में फ्रेगरेंस, सुगंधित पुष्प, धूप-दीप जलाकर साफ-सफाई रख कर अपने घर को मंदिर बना सकते हैं… ताकि आने वाला हर अतिथि प्रसन्नचित होकर आपके घर से जाए और उसकी खुशी आपकी समृद्धि का राज बने।