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सर्दियां शुरू होते ही बच्चों को एक लाल कपड़े और सफेद दाढ़ी वाले सेंटा का इंतजार होता है।  पर मुझे सेंटा के साथ-साथ ढेर सारे गिफ्ट और बर्थडे का भी इंतजार रहता है। क्योंकि मेरा बर्थडे 25 दिसंबर को ही आता है।

इस बार जब जन्मदिन की सुबह कॉलबेल की आवाज से मैं जागी और दरवाजा खोला तो सामने एक बड़ा सा गिफ्ट पड़ा था।
मैं अभी दौड़कर उसे उठाना चाह रही थी पर लावारिस पड़ी चीजों को नहीं छूना चाहिए इस सोच ने मेरे कदम पीछे खींच दिए और मैंने मम्मी को आवाज लगाई।

अंदर से मम्मी आई और उन्होंने गिफ्ट उठाया कहा बड़ी मासी की तरफ से यह गिफ्ट आया है। पर आपने तो कहा था कि मौसी खुद आएंगी, मैंने सवाल किया। मम्मी बोली- हां बेटा पर उनका फोन आया था कि वह किसी कारणवश नहीं आ पाएंगी, गिफ्ट के बारे में भी बताया था।

शाम को बर्थडे पार्टी में मैं आश्चर्यचकित थी क्योंकि छोटी मासी, नाना-नानी, दादा-दादी, बड़ी मांसी- मौसा जी सब आए थे पर किसी के हाथ में गिफ्ट नहीं था। मैं बहुत खुश थी पर बार-बार मेरा ध्यान गिफ्ट की तरफ भी जा रहा था। मैं अपने फ्रेंड के साथ गेम इंजॉय कर रही थी तभी कोने में से एक शांता निकला जो केक की ट्रॉली के साथ साथ चल रहा था। मैं और मेरे फ्रेंड एक साथ चिल्लाने लगे सैंटा…सैंटा..।

मासी ने कहा संजना चलो केक काट लो, मैंने पूछा- मासी  भैया आता तो कितना मजा आता? आप उन्हें क्यों नहीं लाईं? यह सवाल ना जाने मैं उनसे कितनी बार पूछ चुकी थी। मासी जवाब देकर थक चुकी थीं। अब बस वह मेरे सवाल पर मुस्कुरा देतीं। मैंने केक काटा, कैंडल फूंका, मेरे केक पर क्रिसमस ट्री बना हुआ था। उसका डेकोरेशन इतना सुंदर था कि बार-बार मैं केक के साथ फोटो खिंचवा रही थी।

सबने मेरे लिए हैप्पी बर्थडे का गाना गाया पर कोई मुझे गिफ्ट नहीं दे रहा था। मेरे फ्रेंड्स भी नहीं, मैं मन ही मन गिफ्ट का इंतजार कर मायूस होती जा रही थी। तब ही सैंटा आगे आया, उसने मुझे बारी-बारी से सब का गिफ्ट दिया। मतलब सबने अपना गिफ्ट सैंटा के द्वारा मुझे दिलाया था। मैं गिफ्ट पाकर बहुत खुश थी।

मैं जल्द से जल्द सारे गिफ्ट खोल लेना चाहती थी और सोच रही थी की काश! भैया यहां होता तो गिफ्ट खोलने में मेरी मदद करता तभी अचानक पीछे से हैप्पी बर्थडे एंजल संजना की आवाज गूंजी अरे! यह आवाज तो भैया की थी। वही मुझे परी एंजेल और सिस्टर कहते हैं मैं पीछे मुड़ी थी कि सैंटा ने अपनी दाढ़ी निकाल ली।  अरे!  यह कोई और नहीं ये तो मेरा भैया है। मैं दौड़कर भाई से लिपट गई और खुशी से रो पड़ी।

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