विपरीत हालात की परवाह नहीं करते आप
मूलांक चार और उनका चरित्र
दृढ़ता, कार्यक्षमता तथा श्रम का आप सही-सही मूल्यांकन करना जानते हैं। विपत्ति की पाठशाला में पढ़कर ही आपके व्यक्तित्व का विकास हुआ है। आप भावुक हैं और इस भावुकता के चलते ही आर्थिक दृष्टि से व्यय ज्यादा होता है। पैसे को आप हाथ का मैल समझते हैं पर जब पासा हाथ में नहीं होता तो आप परेशान भी अधिक होते हैं।
व्यक्तित्व के प्रधान लक्षण
आप स्वभाव से भावुक हैं। यथार्थवादी होते हुए भी कल्पना की ऊंची उड़ान भरने से नहीं चूकते। महात्वाकांक्षाएं बहुत बड़ी-बड़ी रहती हैं। तुच्छता तथा हल्कापन आपको पसंद नहीं। छोटा पद, छोटा व्यवसाय और कोई भी छोटा कार्य आपको कम पसंद रहता है। उच्च पदस्थ व्यक्तियों को देखकर आप भी ऊंचा उठने का प्रयास करते हैं और इस कारण कई बार मित्र भी शत्रुवत् व्यवहार करने लग जाते हैं।
आपका सक्रिय जीवन
आप अपने ही हाल में मस्त रहने वाले हैं। अतः आप ना तो किसी दूसरे के कार्य की नुक्ताचीनी करने हैं। और ना ही अपने निजी काम में किसी का हस्तक्षेप पसंद करते हैं। प्रेम के क्षेत्र में आप सदैव असफल रहे हैं। अतः प्रेम आपकी प्रकृति के अनुकूल नहीं है। पत्नी प्रेम की ओर से आप निश्चिंत बने रहेंगे तथा उनसे भरपूर सहयोग भी मिलेगा।
मानसिक संतुलन
अपने व्यक्तित्व की गरिमा से आप दूसरे व्यक्तियों को बहुत जल्दी प्रभावित कर लेते हैं पर थोड़ी सी नुक्ताचीनी या विरोध आपकी प्रकृति से मेल नहीं खाता। भाइयों से या सगे-संबंधियों से किसी प्रकार का कोई सहयोग नहीं मिलेगा। धर्म के पक्ष में आप समन्वयवादी नीति लेकर चलते हैं। देश-काल तथा परिस्थितियों के अनुसार स्वयं को मोड़ने की क्षमता आपमें हैं। पाखंड और दिखावे से दूर जो भी यथार्थ है, यही आपको मान्य है।
कार्य पद्धति
दैनिक जीवन के कामों में भी आप सरलता, ईमानदारी तथा उदारता का उपयोग करते हैं। जल्दी निर्णय ना लेने से कई बार आपको मानसिक उलक्षन बना रहता है। अनुशासन की दृष्टि से कठोर नियंत्रण के आप पक्षधर हैं। स्वयं अनुशासनप्रिय हैं और आप चाहते हैं कि बच्चे भी पूरी तरह से अनुशासन में रहें।
सहयोग और जनसंपर्क
आप नवीनता के उपासक तथा पुरातनता का विरोध करते हैं। शुद्ध तर्कसंगत तथा मानवीय भावनाओं से युक्त विचारों को आप तुरंत स्वीकार कर लेते हैं। जिस काम को आप करते हैं समय के अनुकूल उसमें बदलाव भी करते रहते हैं। ऐश्वर्य के साधनों तथा मित्रमंडली में आप बढ़चढ़कर खर्च कर डालते हैं। इसके चलते आपको पैसे की कमी बनी रहती है।
जीवन रहस्य
आपके जीवन का मूल रहस्य इस बात में है कि आप विपरीत से विपरीत हालातों की भी परवाह नहीं करते तथा अनुशासन के माध्यम से आप उन विपरीत हालातों से भी निकल आते हैं। सुडौल शरीर और सरकारी नौकरी आपको प्रिय है तथा जीवन में संयम, मर्यादा, धर्म, अनुशासन, कर्तव्यपालन आपका प्रधान जीवन रहस्य है।
जन्मजात प्रवृति
गहरी निद्रा, स्वादिष्ट भोजन, कठोर परिश्रम, संपन्नता, आराम आदि आपके जीवन की विशेषताएं हैं। बाल्यावस्था के बाद धीरे-धीरे उम्र बढ़ने के साथ यश की कामना भी बढ़ती जाती है। समाज सुधार के कामों में आप बढ़चढ़कर भाग लेते हैं। नेतृत्व करने की आपकी प्रवृति जन्मजात है। पर साथ ही साथ व्यर्थ का वाद-विवाद, दूसरों की आलोचना या टिका-टिप्पणी आपको पसंद नहीं रहती।
आपका आदर्श वाक्य
बचपन से ही आपके जीवन में संषर्ष रहा है। हिम्मत एवं साहस की आपके जीवन में कमी नहीं रही है। लेकिन ठीक समय पर ठीक निर्णय नहीं लेने के चलते जीवन में असफलता आना स्वाभाविक है। अर्थोपार्जन, कठोर परिश्रम, धार्मिक भावना, यश सम्मान तथा उन्नति की ओर निरंतर अग्रसर होना ही आपका आपका आदर्श वाक्य है।