जानम समझा करो
जेठ की चिलचिलाती दोपहरी में नंगे पांव भागती हुई चंचल छत के एक कोने में जाकर खड़ी हो गई। उसके वहां पहुंचते ही नीचे सड़क से हुड़दंग और उल्लास की आवाज आने लगी। उसने नीचे देखा तो वहां सुमित खड़ा था। थोड़ी देर के लिए दोनों की नजरें मिलीं तो ऐसा लगा मानो सुमित को जन्नत मिल गई हो और दूसरी तरफ नींद में चल रही चंचल की तंद्रा टूटी।
चंचल उल्टे पैर अपने रूम में वापस आ गई। वह बहुत परेशान हो गई थी। वह सोच रही थी कि जाने किस शक्ति से प्रेरित होकर नींद में चल रही थी और उसके नंगे पांव भी छत की जलन से भी बेखबर क्यों थे? क्या हुआ था उसे? वह बिस्तर से कैसे उठी? और छत के उसी कोने में खड़ी हो गई जहां नीचे सुमित खड़ा था। सुमित इतनी धूप में वहां क्यों खड़ा था? उसे देखकर वो इतना खुश क्यों हुआ? बहुत सारे अनसुलझे सवालों से घिर गई वो। क्या सुमित उसकी आत्मा में सेंध लगा रहा है? वह बहुत देर तक परेशान रही और सुमित की गतिविधियों को याद करने लगी पर उसने कुछ विशेष अनुभव नहीं किया।
इस घटना के बाद उसने सुमित को नोटिस करना शुरू किया। जब भी हॉस्टल के गेट पर वह कुछ खरीदने जाती तो सुमित गेट के दूसरी तरफ खड़ा मिलता। शाम को हॉस्टल की सारी लड़कियां छत पर होतीं तो सुमित सामने की बिल्डिंग में दिख जाता। जाहिर था वो कहीं आस-पास ही रहता है। फिर एक दिन चंचल ने अपनी दोस्त दीपा से बोली जो सुमित की ही बहन थी- देखो वो सुमित है ना, आजकल यहां हर जगह दिख जाता है।
फिर दीपा ने बताया- हां वो अपना हॉस्टल छोड़कर यहीं सामने वाले लॉज में शिफ्ट हो गया है। चंचल कुछ नहीं बोली तो फिर दीपा ने ही कहा- कोई लड़की पसंद आ गई है उसे, पर जानता नहीं है कि मम्मी-पापा को बता दूंगी तो सीधा घर ही बुला लेंगे। अभी इसे समझाने की कोशिश कर रही हूं फालतू के चक्कर में ना पड़े क्योंकि लड़की पढ़ाकू है और इन चक्करों में फंसने वाली नहीं है।
चंचल ने पूछा- अच्छा तुम जानती हो लड़की को? दीपा बोली हां, और आप भी जानती हैं उसे। चंचल ने पूछा- अच्छा बताओ ना कौन है वो? पर दीपा ने बात बदल दी, आपका एग्जाम कब है? डेट आ गई है ना! एग्जाम सेंटर कहां है.. वगैरह-वगैरह…। दोनों बातें करते हुए अपने-अपने कमरे में पहुंच गईं। थोड़े दिनों बाद ही सुमित के व्यवहार में काफी बदलाव आ गया था। उसने अपनी मूछें हटवा लीं, उसके कपड़े पहनने का ढंग बदल गया। यहां तक कि उसकी हेयर स्टाइल भी नई हो चुकी थी। और उधर दीपा शाम के वक्त जिद करने पर भी छत पर नहीं आती थी।
साथ ही वह चंचल से दूरी बनाने लगी थी। पर चंचल ने सोचा एग्जाम करीब है इसलिए दीपा में ये बदलाव आया है, वो पढ़ाई पर ध्यान दे रही है। अब सुमित को लगने लगा कि चंचल उसके व्यवहार से नहीं समझ पा रही है कि वो उसे पसंद करती है। इसीलिए उसने चंचल की रूममेट स्वरा से दोस्ती कर ली। उसकी मदद करने लग। स्वरा जॉब करती थी। स्वरा का एक बेस्ट फ्रेंड था- लक्ष्य। जिसका मोबाइल नंबर स्वरा से सुमित ले चुका था। वह सोचता था कि स्वरा और लक्ष्य गर्लफ्रेंड-ब्वॉयफ्रेंड हैं। इसलिए उसने लक्ष्य को फोन किया और कहा- लक्ष्य तुम्हारी फ्रेंड की रूममेट से मैं प्यार करता हूं, पर कहने की हिम्मत नहीं हो रही है।
प्लीज तुम मेरी मदद करो। स्वरा से कहो कि वो मेरी मदद करे। सुमित से बात खत्म होते ही लक्ष्य ने स्वरा को फोन किया। सुना है तुम्हारी रूममेट बहुत सुंदर है। मेरी बात तो कराओ उससे। स्वरा आग बबूला हो गई। मतलब! क्या बात करना चाहते हो तुम? थोड़ी देर फोन पर दोनों की लड़ाइयां चलती रहीं। फिर स्वरा को समझाते हुए लक्ष्य ने सारी सच्चाई बताई। स्वरा ने फोन रखकर चंचल को सारी बातों से अवगत कराया।
यूं तो चंचल को सुमित पर शक हो ही रहा था, उसने स्वरा से कहा- दीदी मुझे सुमित से डर लगता है वो खुद को पूरी तरह बदल चुका है। यहां सामने के लॉज में शिफ्ट भी हो गया है। आप किसी तरह पूरी बात संभाल लो और सुमित से मेरा पीछा छुड़ाओ। स्वरा ने सुमित को फोन किया मैं तुमसे कल मिलना चाहती हूं। सुमित ने वक्त का भी ख्याल नहीं किया और रात में ही मिलने गर्ल्स हॉस्टल पहुंच गया।
जिस वक्त किसी का भी मिलना मुश्किल होता है जाने कैसे उसने गार्ड-वार्डन सबको मना लिया था। अब तो स्वरा भी डर गई थी। उसने चंचल से कहा- सही में ये सनकी लगता है। तुम एक बार सोच लो, लगता है पागल हो गया है तुम्हारे प्यार में। चंचल बोली- नहीं दीदी वो कुछ भी कर सकत है मुझे बचा लो प्लीज! आप कुछ ऐसा मत करना कि मुझे उसके सामने आना पड़े। स्वरा ने हां में गरदन हिलाया और सुमित से मिलने चली गई। स्वरा बहुत ही संयमित ढंग से उसे समझा रही थी। पर सुमित की बेचैनी बढ़ती जा रही थी।
ऐसी कैसे हो सकता है कि वो मुझे पसंद ना करती हो। वो भी मुझे पसंद करती है और ना जानें क्या-क्या? आप बुलाओ तो उसे, मैं उससे ही जानना चाहता हूं। स्वरा ने बात बिगड़ता देख सुमित से कहा- ऐसा करो अपने कुछ दोस्त बुला लो, सुमित ने फोन करके अपने कुछ दोस्त बुला लिए। पर ये क्या- सब चंचल को जानते थे और सुमित के बताए गए ना जाने कितने मनगढ़ंत कहानी भी उन्हें पता थी।
बात संभलता ना देख स्वरा ने दीपा को नीचे बुलाया- दीपा के आते ही सब चुप हो गए और सुमित की सुनाई सारी मनगढ़ंत कहानी का पर्दाफाश हो गया। सुमित के दोस्तों के पूछे हर सवाल का जवाब दीपा बड़े बेबाक तरीके से दे रही थी। अब सुमित के दोस्तों के आगे सारी सच्चाई खुल गई। सबने सुमित को शांत किया और वापस हॉस्टल ले गए।