यह फैशन शब्द एक अबूझ पहेली है जिसे समझना बहुत ही मुश्किल है। यूं तो फैशन को लेकर हर इंसान का अपना नजरिया होता है। आइए आज हम इस शब्द को समझने की कोशिश करते हैं।
मार्केट के हिसाब से फैशन
मार्केट हमें किसी फिल्म के अभिनेता या अभिनेत्री की पहनी हुई ड्रेस को जो लोगों के द्वारा पसंद किया जाता है उसे फैशन बताता है। और आपको सजेस्ट भी करता है, पर आम जनता यह नहीं जानती या समझती कि किसी डिज़ाइनर ने वह ड्रेस, उस व्यक्ति के रूप-रंग, कद काठी, सीन और परिवेश के हिसाब से डिजाइन किया है। इसलिए अभिनेत्री पर जंच रहा है।
हम बिना सोचे समझे अंधाधुंध उसकी नकल करने लगते हैं और मार्केटिंग स्ट्रैटजी में फंस जाते हैं।
आपको फैशनेबल होने के लिए खुद के बारे में जानकारी होनी चाहिए किसी फिल्म के बारे में नहीं। आप मार्केट के फैशन के हिसाब से जो ड्रेस पहन रहे हैं, हो सकता है वह आपकी पर्सनैलिटी को निखारने की बजाय उसे बिगाड़ दे। आप का लुक खराब कर दे, इसलिए हमेशा सचेत रहें खुद के प्रति कि कौन सा रंग या किस तरह का ड्रेस आप पर अच्छा लगता है। इसके लिए जरूरी नहीं कि आप एक ही तरह का ड्रेस पहनें, उसे ट्राई करें कि आप पर क्या जंचता है तभी खरीदें। जब भी आपको कन्फ्यूजन हो आप सेल्फी लें और कंपेयर कर डिसाइड करें कि आप पर कौन सा ज्यादा अच्छा लग रहा है।
आपकी ज्वैलरी
हम ज्यादातर अपने ड्रेस के कलर के हिसाब से ज्वेलरी डिसाइड करते हैं जो कि पूरी तरह सही नहीं होता। आपने गौर किया होगा कि कंट्रास्ट कलर की ज्वेलरी किसी भी ड्रेस की खूबसूरती को और भी निखारती है। एक ही कलर कॉम्बिनेशन हमारे ज्वेलरी और ड्रेस दोनों की खूबसूरती को दबा देता है। जबकि कंट्रास्ट कलर एक दूसरे को कंपलीमेंट करते हुए अच्छा लगता है। इसके साथ ही हमारे ड्रेस का नेक लाइन, आपकी गर्दन, आपकी हाइट और आपका कलर टोन इन सब का भी ध्यान रखना पड़ता है ज्वेलरी चुनते समय। अगर इन सारी चीजों का ध्यान रख कर आप ज्वेलरी चुनते हैं तो यकीनन वह आपकी खूबसूरती को चार चांद लगा देता है। वक्त जगह भी बहुत मायने रखता है ज्वेलरी के लिए। आमतौर पर कुछ लोगों को देखा है कि वह कभी भी कहीं भी पूरी तरह से ज्वेलरी से लद जाते हैं।
नकल करने की प्रवृति
हम इंडियंस की एक बहुत बुरी आदत है नकल करने की। हम हमेशा नकल में पड़े रहते हैं यह भूलकर की नकल करने के लिए भी अक्ल की जरूरत होती है। अपने आसपास के किसी को अपना आइडल बनाकर उसके जैसा ही बनना चाहते हैं, उसके जैसी ड्रेस, उसकी जैसी ज्वेलरी। हद तो तब होती है जब लोग घर का इंटीरियर भी नकल करते हैं।
हर घर की जरूरत अलग होती है तो इंटीरियर हमारा एक जैसा कैसे हो सकता है। घर के सदस्य की संख्या उनकी जरूरतें हमारे घर के इंटीरियर के लिए बहुत जरूरी होता है।
हर इंसान की पर्सनाल्टी पसंद-नापसंद जब एक नहीं हो सकती तो इंटीरियर एक कैसे हो सकता है। आपका घर आपके व्यक्तित्व का आइना है।
नकल भी अक्ल लगाकर करें
हां अगर आपको नकल करना ही है तो अपने अक्ल का इस्तेमाल करें। आप अपने तरह के किसी फिल्मी सितारों की नकल कर सकते हैं जिनकी हाइट और कद-काठी आपसे मिलती है आप उसकी नकल कर सकते हैं पर उसमें भी सतर्कता बरतने की जरुरत है।