भक्ति की शक्ति
ये तुम्हारे खुदा,
ये हमारे खुदा,
आ बांट लें हम अपने-अपने खुदा
चलो ढूंढ लाते हैं जीवन दाता
मंदिर में,
मस्जिद में
चर्च में गुरुद्वारे में।
होने लगी जब मैं बेसुध पानी ने ला दी चेतना।
बुझती मेरी सांसों को जीवन दिया हवाओं ने,
खोती हुई मेरी ताकत वापस आ गई भोजन से,
आओ अब तो कर दो कुछ दान…
बचा लो अपने प्राण…
करके रक्षा प्रकृति की बनाते हैं मंदिर।
जिसमें हो ,सत्संग चमकते सूर्य और सितारों की…
रक्षा हो नीले आसमां और पानी के झरने की….
अब जान लें इनका मोल…
परिवर्तन मांग रही है मां धरती,
देख लें अपनी आंखें खोल…