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मेरे होने से तीन दशक होता है पूरा!

कुछ ऐसे संस्कार जो सीखे हैं अस्सी के नाना – दादा से,

समझना बादल को,

वह बरसेगा की नहीं,,

सूरज की धूप – छांव से समय का पता!

खाने की खुशबु से नमक का सटीक होना,

रग- रग मे समाया है नब्बे का दशक!

हर तौर तरीकों से वाकिफ़ मदमस्त ।

परिपक्वता के साथ बीसवीं सदी का आना,

करिश्माई, अचम्भे को मुश्किल है सीख पाना

कुछ हाथ आता है तो, कुछ छूट जाता है!

और कुछ बातें तो सीखने की कोशिश में हवा – हवाई 🫨 हो जाती है

Priti kumari

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