कविता इश्क करना – Priti Prakash November 21, 2025 0 कि तुम जान सको, इबादत की परिभाषा! पत्थर से असीम उम्मीद की आशा… इश्क करना- कि तुम जान सको, मां की आंखों में अटके आंसूओं का राज… बन सको, “मजबूत पापा” की बेचैनी का हमराज… इश्क करना- कि तुम्हारा पत्थर दिल संवेदनशील हो जाए, दूसरे की तकलीफ को भी समझ पाए… इश्क करना- कि इंसानियत के लिए तुम्हारा दिल बार-बार धड़क जाए… इश्क करना – कि कह सको गलत को गलत, और सही को सही… इश्क करना कि मोहब्बत (इन्सानियत) जाति, धर्म से आजाद हो जाए… Post navigation Previous: “तुम्हारे जैसी मैं भी”Next: “तुम्हारे संग” More Stories कविता “तुझ में नयापन” Priti Prakash November 21, 2025 0 कविता “बेगानी हवा” Priti Prakash November 21, 2025 0 कविता “तुम बिन” Priti Prakash November 21, 2025 0 Leave a Reply Cancel replyYour email address will not be published. Required fields are marked *Comment * Name * Email * Website Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.