किससे कहूं दिल की बात…?
जीवन की संध्या बेला में गर छूट जाए हम सफर... पत्थरों और कांटों से भरा होता है आगे का...
जीवन की संध्या बेला में गर छूट जाए हम सफर... पत्थरों और कांटों से भरा होता है आगे का...
निर्मोही! नीरो की मां ओ निर्मोही नीरो की मां कहती थी तू... सुहागन मरूंगी मैं आज तू सच और मैं...
आज मैं आपको एक ऐसे शख्स की कहानी सुनाने जा रहा हूं जिसमें अमीर बनने की चाहत है… महात्वाकांक्षा की...
आज मैं आपको एक कहानी सुनाने जा रहा हूं। एक ऐसी कहानी जिसमें एक राजा है। और एक रानी है।...