जब खिलखिला उठीं उदास कुर्सियां
छह साल की देलाक्षी दक्षा की परिकल्पना एक रेस्तरां में एक टेबल को घेरे हुए चार कुर्सियां बहुत उदास थीं।...
छह साल की देलाक्षी दक्षा की परिकल्पना एक रेस्तरां में एक टेबल को घेरे हुए चार कुर्सियां बहुत उदास थीं।...
स्टोर में करीने से सजी पेन, पेंसिल के बीच एक पेंसिल बहुत देर से कुलांचे भर रही थी। कभी यहां,...
सर्दियां शुरू होते ही बच्चों को एक लाल कपड़े और सफेद दाढ़ी वाले सेंटा का इंतजार होता है। पर मुझे...
घटना उन दिनों की है जब दुराचारी रावण ने माता सीता का अपहरण कर लिया था और भगवान राम युद्ध...
बहुत दिनों के बाद आसमान में यू बादलों को घूमने का मौका मिला था। सभी बादल बहुत खुश थे इन्हीं...
एक वीराना से जंगल की तपती दोपहरी में एक भूखी प्यासी मधुमक्खी बहुत देर से घूम रही थी उसका गला...
बहुत समय पहले की बात है। जब हम जंगल में रहते थे। हम सब पेड़ पौधे जानवर आदमी सब साथ...
बहुत समय पूर्व तितलियां स्वर्ग में रहा करती थीं। तितलियां स्वर्ग में इठलाती-इतराती इधर-उधर घूमती रहती। उनका रंग एकदम दूध...