कहानी
भागी लड़की का दर्द
आज सुबह से ही मेरे पड़ोस में गहमागहमी का माहौल था। जोर-जोर से आवाजें आ रही थीं। मैं भी परेशान...
अधूरा इश्क
मैं बोकारो से जमशेदपुर जा रहा था। मैं खुश था कार ड्राइव करते हुए अपने पसंद का गाना सुन रहा...
जानम समझा करो
जेठ की चिलचिलाती दोपहरी में नंगे पांव भागती हुई चंचल छत के एक कोने में जाकर खड़ी हो गई। उसके...
एक चेहरा ऐसा भी
मेरे पति स्वभाव से ही सामाजिक हैं। समाज सेवा करना उन्हें बहुत पसंद है। शुरुआती दिनों में वह हमारी परिवारिक...
जब नारी बनी अंगारा
जिस प्रकार समुद्र की शांति को महज पत्थर के एक टुकड़े से भंग किया जाता है और उसमें उथल-पुथल मचा...
ताज और मेरा चांद
अंधेरे में खड़ी एक आकृति बहुत देर से मुझे अपनी तरफ आकर्षित कर रही थी। कुछ ही दूरी पर येलो...