कविता
भक्ति की शक्ति
ये तुम्हारे खुदा, ये हमारे खुदा, आ बांट लें हम अपने-अपने खुदा चलो ढूंढ लाते हैं जीवन दाता मंदिर में,...
प्रेम का इंद्रजाल
प्रिय..... कितनी बार चाहा कि तुम्हें, ना चाहूं। पर, कैसे करूं जाहिर कि कितना चाहा है मैंने.. समझाती हूं भूल...
पेट में धड़कता दिल
वह धड़क रहा था मेरी धड़कनों में वह ले रहा था सांसें मेरी सांसों के साथ बढ़ गई थी मेरी...
मत आओ करीब मेरे
जी करता है... अंतरात्मा के कठघरे में कर दूं खड़ा तुझे पूछूं अनेक सवाल और दिखाऊं जख्म जो तूने दिए...
नारी तू सबला है
जल की अविरल धारा हैं हम प्यार से सारा जहां सीचेंगे... चट्टानों से गिरा कर भले बिखरा दो हमको ।...
भीड़ में गुम वजूद
एक समाज ये न जाने कितनी हस्ती थी रहते हैं हम जहां वह शरीफों की बस्ती थी। जाने कहां से...
सिसकती सांसें
एक निर्वस्त्र औरत दुबकी है कोने में, आंखें भी उसकी असमर्थ है रोने में,, अचानक दौड़े आए, आए.... और भी...