बूंद
समुद्र में पलने वाली छोटी सी बूँद की खता, विशाल आसमां से लेती है दिल...
समुद्र में पलने वाली छोटी सी बूँद की खता, विशाल आसमां से लेती है दिल...
हाँ यह सच है – ऐसा सच, जिसे है छिपाना भी मुश्किल, बताना भी मुश्किल।...
प्रीति पूनम किसी दिन एक कोरे काग़ज़ पर लिख देना, अपने ‘हूँ’और ‘हाँ’ के सारे...
जिन्दगी के हर कदम पर दो रास्ते होते हैं। एक अच्छा और दूसरा बुरा। गलत...
मैं जानती थी तुझे जब मैंने तुझे नहीं देखा था तुम्हारे इंतजार में थी...
तमाम बंधन के जकड़ को तोड़, मुक्त होना चाहती हूं….. नहीं चाहती – कोई समाज,...
यह कविता मैंने अपने छोटे चाचा के लिए लिखी थी। मैं 12th में थी इस...
मायके के दिरखा पर छोड़ आई मैं अपनी बहुत सारी अधूरी ख्वाहिश… छोड़ आई… बचपन...
है उलझन बड़ी… मैं अल्हड़ हूं या हूं समझदार। क्यों टूटती नहीं खाकर इतने वार?...