जानम समझा करो
जेठ की चिलचिलाती दोपहरी में नंगे पांव भागती हुई चंचल छत के एक कोने में जाकर खड़ी हो गई। उसके...
जेठ की चिलचिलाती दोपहरी में नंगे पांव भागती हुई चंचल छत के एक कोने में जाकर खड़ी हो गई। उसके...
मूलांक पांच और उनका चरित्र उथल-पुथल से भरा आपका जीवन वास्तव में ही आदर्श जीवन है। सुघड़, सुरुचिपूर्ण तथा सुंदर...
प्रिय..... कितनी बार चाहा कि तुम्हें, ना चाहूं। पर, कैसे करूं जाहिर कि कितना चाहा है मैंने.. समझाती हूं भूल...
छह साल की देलाक्षी दक्षा की परिकल्पना एक रेस्तरां में एक टेबल को घेरे हुए चार कुर्सियां बहुत उदास थीं।...
वह धड़क रहा था मेरी धड़कनों में वह ले रहा था सांसें मेरी सांसों के साथ बढ़ गई थी मेरी...
जी करता है... अंतरात्मा के कठघरे में कर दूं खड़ा तुझे पूछूं अनेक सवाल और दिखाऊं जख्म जो तूने दिए...
Strong women वह होती है जो अपनी पर्सनाल्टी इंप्रूव करती है और एक क्वालिटी लाइफ की मल्लिका बनती है। इसके...
जल की अविरल धारा हैं हम प्यार से सारा जहां सीचेंगे... चट्टानों से गिरा कर भले बिखरा दो हमको ।...