भीड़ में गुम वजूद
एक समाज ये न जाने कितनी हस्ती थी रहते हैं हम जहां वह शरीफों की...
एक समाज ये न जाने कितनी हस्ती थी रहते हैं हम जहां वह शरीफों की...
एक निर्वस्त्र औरत दुबकी है कोने में, आंखें भी उसकी असमर्थ है रोने में,, अचानक...
वह क्षण, वह पल जब मैं हताशा के हिमालय पर खड़ा था… काश की मां!...
ना मैं पाषाण ना ही पत्थर की मूर्ति हूं मेरे अंदर की भावनाएं भी उछाल...
एक लड़की अल्हड़ सी, अदाएं भी मासूम… मंडराती है भंवरे सी कलियों को चूम-चूम नहीं...
मूलांक चार और उनका चरित्र दृढ़ता, कार्यक्षमता तथा श्रम का आप सही-सही मूल्यांकन करना जानते...
परदा हमारे घर का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। यह हमारे घर को खूबसूरत बनाने के...
धरा की पुत्री थी वह धरा की ही तरफ सहनशील, क्षमाशील…. मैं हूं एक आम...
वो निकलता है हर सुबह सज धज कर… पर वापस निढाल आता है। सोचकर...
मेरे पति स्वभाव से ही सामाजिक हैं। समाज सेवा करना उन्हें बहुत पसंद है। शुरुआती...