भागी लड़की का दर्द
आज सुबह से ही मेरे पड़ोस में गहमागहमी का माहौल था। जोर-जोर से आवाजें आ रही थीं। मैं भी परेशान...
आज सुबह से ही मेरे पड़ोस में गहमागहमी का माहौल था। जोर-जोर से आवाजें आ रही थीं। मैं भी परेशान...
जेठ की चिलचिलाती दोपहरी में नंगे पांव भागती हुई चंचल छत के एक कोने में जाकर खड़ी हो गई। उसके...
धरा की पुत्री थी वह धरा की ही तरफ सहनशील, क्षमाशील.... मैं हूं एक आम लड़की..... कैसे बन सकती हूं...