सपने में बुलाते हो मुझे…!
मैं होती हूं नींद के आगोश में, और तुम चुपके से आ जाते हो... जाने कैसे बिना आहट के मेरे,...
मैं होती हूं नींद के आगोश में, और तुम चुपके से आ जाते हो... जाने कैसे बिना आहट के मेरे,...
ये सतरंगी उम्र... जब दुनिया होती है रंगीन... दिखता है चारों तरफ इंद्रधनुष ही इंद्रधनुष गुदगुदा जाता है हवा का...