कविता हताशा Priti Prakash March 26, 2023 0 वह क्षण, वह पल जब मैं हताशा के हिमालय पर खड़ा था... काश की मां! तुम एक बार बाहों में... Read More
एक नजर सुनो! ऐ चमकते सितारों… Priti Prakash March 10, 2023 0 एक चेहरा जो पर्दे की पहचान बन गया। उसका अक्स हर आंखों में छा गया, वह दिल के बहुत करीब... Read More
कविता हौसला Priti Prakash February 22, 2023 0 मैं एक लड़की थी बदनाम! काट खाने को दौड़ता था मेरा नाम!! मैं रो सकती थी अंधेरी रातों में.... जहर... Read More