चांद पा लेने की चाह
ना मैं पाषाण ना ही पत्थर की मूर्ति हूं मेरे अंदर की भावनाएं भी उछाल मारती हैं पर... चांद पा...
ना मैं पाषाण ना ही पत्थर की मूर्ति हूं मेरे अंदर की भावनाएं भी उछाल मारती हैं पर... चांद पा...
ये सतरंगी उम्र... जब दुनिया होती है रंगीन... दिखता है चारों तरफ इंद्रधनुष ही इंद्रधनुष गुदगुदा जाता है हवा का...