स्वतंत्रता या रिश्तों में दूरी….
स्वतंत्रता के नाम पर एकल परिवार का बढ़ता क्रेज, परिवार के सदस्यों का...
स्वतंत्रता के नाम पर एकल परिवार का बढ़ता क्रेज, परिवार के सदस्यों का...
तमाम बंधन के जकड़ को तोड़, मुक्त होना चाहती हूं..... नहीं चाहती - कोई समाज, कोई परिवार ना चाहती हूं...
यह कविता मैंने अपने छोटे चाचा के लिए लिखी थी। मैं 12th में थी इस घटना ने मुझे अंदर तक...
लड़की की शादी तय होते ही वह ख्वाबों में खो जाती है। शादी अरेंज मैरिज हो या लव मैरिज इससे...
वो निकलता है हर सुबह सज धज कर... पर वापस निढाल आता है। सोचकर जाता है कि लेकर आएगा...
समंदर की तरह असंख्य प्यार की मोती समेटे... ऊपर से सख्त और अंदर से मोम की तरह पिघलते, कैसा सख्त...
सोने के महल में रहने वाली मंदोदरी भी अपना पत्नी धर्म निभा रही थी और राम के साथ वन में...
आज के स्मार्ट बच्चे कहां समझ पाएंगे रिश्तों की मिठास। उनके पास रिश्तों के नाम पर है ही क्या? जब...