भीड़ में गुम वजूद
एक समाज ये न जाने कितनी हस्ती थी रहते हैं हम जहां वह शरीफों की बस्ती थी। जाने कहां से...
एक समाज ये न जाने कितनी हस्ती थी रहते हैं हम जहां वह शरीफों की बस्ती थी। जाने कहां से...
एक चेहरा जो पर्दे की पहचान बन गया। उसका अक्स हर आंखों में छा गया, वह दिल के बहुत करीब...