feelings
मत आओ करीब मेरे
जी करता है... अंतरात्मा के कठघरे में कर दूं खड़ा तुझे पूछूं अनेक सवाल और दिखाऊं जख्म जो तूने दिए...
किससे कहूं दिल की बात…?
जीवन की संध्या बेला में गर छूट जाए हम सफर... पत्थरों और कांटों से भरा होता है आगे का...
जी करता है... अंतरात्मा के कठघरे में कर दूं खड़ा तुझे पूछूं अनेक सवाल और दिखाऊं जख्म जो तूने दिए...
जीवन की संध्या बेला में गर छूट जाए हम सफर... पत्थरों और कांटों से भरा होता है आगे का...