galbahayan
रंगों की चालाकियां
प्रीति पूनम मुझे भीड़ पसंद नहीं, घबराहट होती है मुझे भीड़ से पर पेड़ों की भीड़ मुझे पसंद है। जहां...
ना तोलें रिश्ते को पैसों से…
जिस प्रकार पेड़ की सारी पत्तियाँ समान नहीं होती। हमारे हाथों की सारी उँगलियाँ समान नहीं होती, ठीक उसी प्रकार...
कहानी जिंदगी की…
यह कविता मैंने अपने छोटे चाचा के लिए लिखी थी। मैं 12th में थी इस घटना ने मुझे अंदर तक...