galbahiyan
चांद पा लेने की चाह
ना मैं पाषाण ना ही पत्थर की मूर्ति हूं मेरे अंदर की भावनाएं भी उछाल मारती हैं पर... चांद पा...
भोली-अल्हड़ मस्तानी सी वह
एक लड़की अल्हड़ सी, अदाएं भी मासूम... मंडराती है भंवरे सी कलियों को चूम-चूम नहीं जानती है कली वह ताजातरीन...
विपरीत हालात की परवाह नहीं करते आप
मूलांक चार और उनका चरित्र दृढ़ता, कार्यक्षमता तथा श्रम का आप सही-सही मूल्यांकन करना जानते हैं। विपत्ति की पाठशाला में...
सही परदे से निखरता है घर
परदा हमारे घर का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। यह हमारे घर को खूबसूरत बनाने के साथ-साथ प्राइवेसी भी देता है।...
मैं धरा पुत्री नहीं
धरा की पुत्री थी वह धरा की ही तरफ सहनशील, क्षमाशील.... मैं हूं एक आम लड़की..... कैसे बन सकती हूं...
वो बदहाल आया है
वो निकलता है हर सुबह सज धज कर... पर वापस निढाल आता है। सोचकर जाता है कि लेकर आएगा...
एक चेहरा ऐसा भी
मेरे पति स्वभाव से ही सामाजिक हैं। समाज सेवा करना उन्हें बहुत पसंद है। शुरुआती दिनों में वह हमारी परिवारिक...
ससुराल ‘गंदा’ फूल
शादी शब्द सुनते ही मन मस्तिष्क में सजे-संवरे और नाचते-गाते खुशनुमा चेहरे बरबस सामने आ जाते हैं। पर शादी खत्म...
पेंसिल का हेलमेट
स्टोर में करीने से सजी पेन, पेंसिल के बीच एक पेंसिल बहुत देर से कुलांचे भर रही थी। कभी यहां,...