poem
दो रास्ते…
जिन्दगी के हर कदम पर दो रास्ते होते हैं। एक अच्छा और दूसरा बुरा। गलत रास्ता हमेशा सफेद, रेशमी अप्सरा...
मुक्त होने की चाह…
तमाम बंधन के जकड़ को तोड़, मुक्त होना चाहती हूं..... नहीं चाहती - कोई समाज, कोई परिवार ना चाहती हूं...
कहानी जिंदगी की…
यह कविता मैंने अपने छोटे चाचा के लिए लिखी थी। मैं 12th में थी इस घटना ने मुझे अंदर तक...
पीहर हुआ पराया
मायके के दिरखा पर छोड़ आई मैं अपनी बहुत सारी अधूरी ख्वाहिश... छोड़ आई... बचपन की सहेलियां, यादें, और उनके...