अरे वो शहरी बाबू…
मैं गांव की नहीं हूं मैं शहर में पली-बढ़ी हूं। अरे! बाबा हमका माफी दे दो... क्योंकि मैं नहीं हम...
मैं गांव की नहीं हूं मैं शहर में पली-बढ़ी हूं। अरे! बाबा हमका माफी दे दो... क्योंकि मैं नहीं हम...
एक वीराना से जंगल की तपती दोपहरी में एक भूखी प्यासी मधुमक्खी बहुत देर से घूम रही थी उसका गला...