पुरुष तेरी आंखों में क्या है?
ये मर्यादित पुरुष जो स्त्रियों की मर्यादा तय करते हैं। बड़ी आसानी से किसी भी स्त्री के अंग-प्रत्यंग पर दोस्तों...
ये मर्यादित पुरुष जो स्त्रियों की मर्यादा तय करते हैं। बड़ी आसानी से किसी भी स्त्री के अंग-प्रत्यंग पर दोस्तों...
प्रिय..... कितनी बार चाहा कि तुम्हें, ना चाहूं। पर, कैसे करूं जाहिर कि कितना चाहा है मैंने.. समझाती हूं भूल...
एक निर्वस्त्र औरत दुबकी है कोने में, आंखें भी उसकी असमर्थ है रोने में,, अचानक दौड़े आए, आए.... और भी...
जिस प्रकार समुद्र की शांति को महज पत्थर के एक टुकड़े से भंग किया जाता है और उसमें उथल-पुथल मचा...
पूरा घर सो जाता है जब मैं बिस्तर पर जाती हूं सुबह सपनों में डूबा सारा घर और किचन में...